अधिनायक
रघुवीर सहाय |
राष्ट्रगीत में भला कौन वह
भारत-भाग्य विधाता है
फटा सुथन्ना पहने जिसके
गुन हरचना है।
मखमल टमटम बल्लम तुहरी
पगड़ी छत्र चंवर के साथ
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय-जय कौन कराता है
पूरब-पश्चिम से आते हैं
नंगे-बूचे नरकंकाल
सिंहासन पर बैठा, उनके
तमगे कौन लगाता है।
कौन-कौन वह जन-गण-मन-अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका
बाजा रोज बजाता है।
Gahre avsad ke samay me,vicharon ka sahi pravah bhi badhit hai-es bich me Raghuvir ji ye panktiyan sukoon deti hai.Hardik dhanyavad,ese blog par post karne ke liye aaur hamare saath saajha karne ke liye..hame samay ko parakhna hi parega sahi swaroop me...
ReplyDeleteAtul Thakur